Bhagavad Gita:Chapter 14, Verse 14:तत्कालिक बढ़े हुए सतोगुण की वृत्ति का क्या फल होता है।

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Bhagavad Gita:Chapter 14, Verse 12:बढ़े हुए रजोगुण के क्या लक्षण होते हैं।Подробнее

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Bhagavad Gita:Chapter 14, Verse 13:बढ़े हुए तमोगुण के क्या लक्षण होते हैं।Подробнее

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Bhagavad Gita:Chapter 14, Verse 15:तत्कालिक बढे़ हुए रजोगुण और तमोगुणПодробнее

Bhagavad Gita:Chapter 14, Verse 15:तत्कालिक बढे़ हुए रजोगुण और तमोगुण

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Bhagavad Gita Chapter 14 | प्रकृति के तीन गुण शरीर में कैसे काम करते हैं | Shri Krishna | Rj KartikПодробнее

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Bhagavad Gita:Chapter 14, Verse 11: सतोगुण के क्या लक्षण होते है ?Подробнее

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श्रीमद भगवत गीता अध्याय 14 गुणत्रयविभाग योग Sattva Rajas and Tamas and ImmortalityПодробнее

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Bhagavad Gita:Chapter 14, Verse 10:कभी सतोगुण कभी रजोगुण कभी तमोगुण प्रधान हो जाता है।Подробнее

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Bhagavad Gita 14.4 | Chapter 14 Shloka 4 | भगवद् गीता 14.4 | अध्याय 14 श्लोक 4 | Gita Shloka 527Подробнее

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Bhagavad Gita:Chapter 14, Verse 15:तत्कालिक बढे़ हुए रजोगुण और तमोगुण की वृत्तियाें का क्या फल होता