अध्यात्म में त्याग ज़रूरी क्यों? || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)

अध्यात्म में त्याग ज़रूरी क्यों? || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)

दर्द पक्का है, इसलिए मुस्कुराओ || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)Подробнее

दर्द पक्का है, इसलिए मुस्कुराओ || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)

आत्मा न शरीर छोड़ती है, न शरीर में प्रवेश करती है || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)Подробнее

आत्मा न शरीर छोड़ती है, न शरीर में प्रवेश करती है || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)

जिसको बदल ही जाना है, उससे उम्मीदें कैसी? || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)Подробнее

जिसको बदल ही जाना है, उससे उम्मीदें कैसी? || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)

अष्टावक्र गीता (दूसरा प्रकरण - सूत्र 17)Подробнее

अष्टावक्र गीता (दूसरा प्रकरण - सूत्र 17)

(गीता-48) अंधी कामना अधिक बुरी है, या अंधा त्याग? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)Подробнее

(गीता-48) अंधी कामना अधिक बुरी है, या अंधा त्याग? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)

इन चक्करों में हम फँसते नहीं || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)Подробнее

इन चक्करों में हम फँसते नहीं || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)

हमारा स्वभाव अनंतता: न डर न चिंता || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)Подробнее

हमारा स्वभाव अनंतता: न डर न चिंता || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)

कुंभ: झूठ के सागर में खो गया सच का अमृत || आचार्य प्रशांत (2024)Подробнее

कुंभ: झूठ के सागर में खो गया सच का अमृत || आचार्य प्रशांत (2024)

अच्छा-बुरा छोड़ो, गहराई में देखना सीखो! || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2023)Подробнее

अच्छा-बुरा छोड़ो, गहराई में देखना सीखो! || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2023)

आग लगे बस्ती में, मुक्तराम मस्ती में || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2023)Подробнее

आग लगे बस्ती में, मुक्तराम मस्ती में || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2023)

चार पुरुषार्थ कौन से हैं? इनमें से तीन को व्यर्थ क्यों कहा?||आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर(2024)Подробнее

चार पुरुषार्थ कौन से हैं? इनमें से तीन को व्यर्थ क्यों कहा?||आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर(2024)

मौज का सूत्र: ‘मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता’ || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2023)Подробнее

मौज का सूत्र: ‘मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता’ || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2023)

जानते हो किसके गुलाम हो तुम? || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2023)Подробнее

जानते हो किसके गुलाम हो तुम? || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2023)

तुम्हारा स्वरुप क्या? तुम्हें विश्राम कहाँ? || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2017)Подробнее

तुम्हारा स्वरुप क्या? तुम्हें विश्राम कहाँ? || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2017)

'तू' नहीं पराया, 'मैं' है पराया || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)Подробнее

'तू' नहीं पराया, 'मैं' है पराया || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)

क्या आपका भी मन बहुत भटकता है? || आचार्य प्रशांत, गीता दीपोत्सव (2024)Подробнее

क्या आपका भी मन बहुत भटकता है? || आचार्य प्रशांत, गीता दीपोत्सव (2024)

जिन्हें अहंकार से तुरंत छुटकारा चाहिए! || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)Подробнее

जिन्हें अहंकार से तुरंत छुटकारा चाहिए! || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)

जैसे आप, वैसा आपका संसार - दूसरों की शिकायत करना बंद करें || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर(2024)Подробнее

जैसे आप, वैसा आपका संसार - दूसरों की शिकायत करना बंद करें || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर(2024)

समझदार आदमी जानता है कि जगत दर्पण है: जीवन के गहरे रहस्य || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)Подробнее

समझदार आदमी जानता है कि जगत दर्पण है: जीवन के गहरे रहस्य || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2024)